Friday, October 2, 2009

गाँधी जयन्ती पर आओ याद करें उस पोस्ट को जिस में सर्वोधर्म प्रेम देखने को मिला था

कल रात मैं ऐसा सपना देखना चाहता था कि महात्‍मा गाँधी जी मेरे सपने मैं आयें तब मैं उनसे पूछूं कि गाँधी जयन्ती पर मैं आपके लिये क्‍या करूँ ? अफसोस यह सपना मैं ना देख सका, फिर आज मैंने जागती आँखों से सपना देखा, मेरे प्रशन पर वह बोले तुम अपने पिछले हफते की व्‍यसतता को याद करो, तुम्‍हें मेरा उत्‍तर अपने आप मिल जायेगा, कल जब मुझे ब्लाग जगत में वायरस कहा गया, ब्लागवाणी बंद होना‍ जो मुझे Rank-2 ब्लागर होते हुये भी रजिसट्रेशन देने से कांपती है ऐसी बातों को याद करता गया, चिपलूनकर साहब की पोस्ट पर जाकर दिल दिमाग हर तरफ से यही आवाज़ आयी कि गाँधी जी का इशारा उस ओर हे जिस पोस्ट पर हिन्‍दू-मुस्लिम ही नहीं सर्वोधर्म का अनूखा प्रेम देखने को मिला था, सोचा गाँधी जयन्ती पर उसके लिये गाँधी समर्थकों से समर्थन मांगा जाये, किया मैं गलत हूं अपने विचारों से नवाजि़ये
क्या "नेस्ले" कम्पनी, भारत के बच्चों को "गिनीपिग" समझती है?:
please comments that post



ब्लागस्‍पाट पर सबसे सफल और सार्थक बहस, जिसकी बुरी नजर से बचाय रखने की गारंटी, किसी ने इस कम्‍पनी का दूध पी रखा हो तो आजाये सांकल खुली है


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मेरे गाँधी से संबन्धित प्‍यार बढाने वाले लेख गाँधी जी कहते थे टीपु सुल्‍तान हिन्‍दू हित में अधिक था
गाँधी जी के गवर्नर मित्र का औंरंगज़ेब बार में लेख, औंरंगज़ेब ने मन्दिर तोडा तो मस्जिद भी तोडी


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