कल रात मैं ऐसा सपना देखना चाहता था कि महात्मा गाँधी जी मेरे सपने मैं आयें तब मैं उनसे पूछूं कि गाँधी जयन्ती पर मैं आपके लिये क्या करूँ ? अफसोस यह सपना मैं ना देख सका, फिर आज मैंने जागती आँखों से सपना देखा, मेरे प्रशन पर वह बोले तुम अपने पिछले हफते की व्यसतता को याद करो, तुम्हें मेरा उत्तर अपने आप मिल जायेगा, कल जब मुझे ब्लाग जगत में वायरस कहा गया, ब्लागवाणी बंद होना जो मुझे Rank-2 ब्लागर होते हुये भी रजिसट्रेशन देने से कांपती है ऐसी बातों को याद करता गया, चिपलूनकर साहब की पोस्ट पर जाकर दिल दिमाग हर तरफ से यही आवाज़ आयी कि गाँधी जी का इशारा उस ओर हे जिस पोस्ट पर हिन्दू-मुस्लिम ही नहीं सर्वोधर्म का अनूखा प्रेम देखने को मिला था, सोचा गाँधी जयन्ती पर उसके लिये गाँधी समर्थकों से समर्थन मांगा जाये, किया मैं गलत हूं अपने विचारों से नवाजि़ये
क्या "नेस्ले" कम्पनी, भारत के बच्चों को "गिनीपिग" समझती है?:
please comments that post
ब्लागस्पाट पर सबसे सफल और सार्थक बहस, जिसकी बुरी नजर से बचाय रखने की गारंटी, किसी ने इस कम्पनी का दूध पी रखा हो तो आजाये सांकल खुली है
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मेरे गाँधी से संबन्धित प्यार बढाने वाले लेख गाँधी जी कहते थे टीपु सुल्तान हिन्दू हित में अधिक था
गाँधी जी के गवर्नर मित्र का औंरंगज़ेब बार में लेख, औंरंगज़ेब ने मन्दिर तोडा तो मस्जिद भी तोडी
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4 comments:
mera apko samarthan he...men us post ko padh kar dekhta hoon kiya mamla he.
is virus ka anti-virus kab market men aayega?
इस पोस्ट में कैरानवी ने अपनी तरफ़ से क्या लिखा है? जो भी लिखा चिपलुमकर ने लिखा…
@अजनबी महाराज इसमें ऐसी बात है जो समझदारों को दिखाई देगी, इसमें वह बात है जिसके लिये चिपलुमकर (तुमने यही लिखा) को एक स्थान पर लिखना पडा था कि इसने मेरी पीठ में छूरी घोंपी है, फिर भी कैरानवी का लिखा पढना चाहते हो तो देखों kairana.blogspot.com कैरानवी की हिन्दी या उर्दू किताब देखना चाहते हो तो बताओ,
मेरा हमजाद कैरानवी जिसे नाम की जरूरत नहीं जिसका लिखा उसकी पहचान
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